जागरण संवाददाता, रुड़की: निकाय चुनाव से पहले बसपा के तमाम बड़े पदाधिकारी दावा करते रहे कि बसपा रुड़की में कांग्रेस और भाजपा के विकल्प के रूप में आएगी, लेकिन बसपा प्रत्याशी निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष सैनी से भी पिछड़ गए। यहां तक कि वार्डों में भी मात्र एक पार्षद ही बसपा की झोली में आया है।रुड़की नगर निगम के चुनाव में बसपा ने पूर्व सांसद राजेंद्र बाडी पर दांव खेला था। इससे पहले बसपा ने भाजपा से बगावत करने वाले संजय अरोड़ा को टिकट देने का एलान किया, लेकिन नाटकीय घटनाक्रम के तहत पांच घंटे में ही संजय अरोड़ा वापस भाजपा में चले गए। इसके बाद पार्टी ने दावा किया राजेंद्र बाडी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन शुरुआती दौर से ही बसपा प्रत्याशी चुनाव मैदान में पिछड़ते नजर आए। पहले राउंड की गिनती में उन्हें जहां 1649 मत ही मिले तो वहीं दूसरे और तीसरे राउंड में भी उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा। अपने खुद के वार्ड में ही राजेंद्र बाडी चौथे नंबर पर रहे। पूरे चुनाव में उनको 4575 मत मिले हैं। जबकि उनसे ज्यादा मत निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष सैनी के रहे। उन्होंने 4650 मत प्राप्त किए। निरस्त हुए मतों का आंकड़ा भी बसपा प्रत्याशी से ज्यादा है। निरस्त मतों की संख्या भी 4616 रही। 40 वार्डों में से बसपा का एकमात्र प्रत्याशी ही विजयी हुआ। कई वार्डों में तो बसपा प्रत्याशी तक खड़े नहीं कर पाई। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल ने बताया कि इस संबंध में समीक्षा की जा रही है।
..तो शहर में नहीं है बसपा का जनाधार